उद्योग,वित की राय के बाद कैबिनेट जाएगा प्रस्ताव
राज्य सरकार औद्योगिक क्षेत्र में प्रॉपर्टी टैक्स से छूट देने की तैयारी कर रही है। इसके लिए जल्द ही सरकार विशेष प्रावधान कर सकती है। हाल ही में उद्योगपतियों ने प्राॅपर्टी टैक्स में छूट का प्रस्ताव सीएम मोहन यादव के सामने रखा था। इसके बाद वित्त, औद्योगिक नीति व एमएसएमई विभाग से राय मांगी गई है। राय आने के बाद इस प्रस्ताव को कैबिनेट में अंतिम निर्णय के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
सरकार यह पहल पहले से स्थापित उद्योगों को विशेष रियायत देने की योजना के तहत कर रही है। अलग-अलग नगर निगम और नगरपालिक अधिनियमों में भी कई परिवर्तन करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री की पहल पर नगरीय सीमा के भीतर आने वाले औद्योगिक क्षेत्रों में उद्योगों से अब दोहरा कर नहीं वसूलने पर भी विचार हो रहा है।
प्रॉपर्टी टैक्स नहीं… पर सेवा शुल्क देना होगा
नगरीय विकास एवं आवास विभाग मध्य प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1956 की धारा 163 और नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 132 के प्रावधान के मुताबिक उद्योगों को प्रॉपर्टी टैक्स में छूट देने का प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इसके तहत औद्योगिक क्षेत्र की इकाइयों से प्रॉपर्टी टैक्स नहीं लिया जाएगा। पर उन्हें सेवा शुल्क देना होगा। यह जलकर, स्वच्छता सहित अन्य सुविधाओं के लिए लगने वाले शुल्क की तुलना में करीब आधा ही होगा। जमीन राज्य सरकार की, लीज रेंट भी देते हैं उद्यमी
मौजूदा व्यवस्था में नगरीय निकाय उद्योगपतियों से प्रॉपर्टी टैक्स लेते हैं। एग्रीमेंट के मुताबिक उन्हें मेंटेनेंस शुल्क भी देना होता है। इस तरह औद्योगिक इकाइयों को दो टैक्स देने पड़ते हैं। औद्योगिक संगठन लंबे समय से प्रॉपर्टी टैक्स से छूट देने की मांग करते रहे हैं। इनका कहना है कि औद्योगिक क्षेत्र की जमीन सरकार की होती है।
हम लीज रेंट देते हैं। नगर निगम एक्ट 1956 की धारा 136 और मप्र नगर पालिका एक्ट 1961 की धारा 127 क(2) में भी औद्योगिक क्षेत्रों में प्रॉपर्टी टैक्स की छूट हैं। पर मंडीदीप तथा अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में अभी प्रॉपर्टी टैक्स लिया जा रहा है। उद्योगपति सीएम मोहन यादव से मिले थे। इसके बाद सीएम ने अफसरों को समाधान के निर्देश दिए थे।
सरकार ने पहल की है सरकार ने उद्योगों को रियायत की पहल की है। इसके तहत निगम सीमा में प्रॉपर्टी टैक्स से छूट दी जाएगी। राजीव अग्रवाल, ऑल इंडस्ट्री एसो.
कैबिनेट जाएगा प्रस्ताव ^ उद्यमियों का प्रस्ताव आया था। शासन इस पर सकारात्मक रूप से विचार कर रहा है।