नए सिरे से सीमाएं तय करने का ड्राफ्ट तैयार:भोजपुर-मंडीदीप और बड़ा तालाब कैचमेंट क्षेत्र के 36 गांव भी भोपाल में शामिल होंगे

  • 7 months ago
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भोपाल का दायरा बढ़ाने की तैयारियां एक बार फिर शुरू हो गई हैं। जिले में भोजपुर और मंडीदीप को शामिल करने का विचार है। वहीं, बड़े तालाब के कैचमेंट एरिया में शामिल सीहोर के 36 गांव भी भोपाल का हिस्सा बनाए जा सकते हैं। बैरसिया को ट्विन सिटी के तौर पर इंडस्ट्री के हिसाब से विकसित किया जाएगा। इसके लिए भोपाल शहर का दायरा बढ़ाकर राजगढ़ के नजदीकी गांव भी इसमें शामिल किए जा सकते हैं। ड्राफ्ट लगभग तैयार है। प्रशासनिक और राजनैतिक स्तर पर सहमति भी बन गई है। अब सिर्फ अमलीजामा पहनाना है।

मप्र सरकार ने परिसीमन आयोग का गठन कर दिया है। इसमें रिटायर्ड एसीएस मनोज श्रीवास्तव को सदस्य बनाया गया है। इस आयोग के दो और सदस्य तय होने के बाद हर जिलों के प्रशासनिक अधिकारी और राजनैतिक प्रतिनिधियों से सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे। दावे आपत्तियों के बाद नए सिरे से सीमाएं तय की जाएंगी। करीब 10 साल पहले भी भोपाल का दायरा बढ़ाने का प्लान बना था। लेकिन तब अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका।

बड़े तालाब कैचमेंट का प्रबंधन होगा आसान, बैरसिया बनेगा टि्वन सिटी

फायदा : मुख्यालय से घटेगी तहसील और ब्लॉक की दूरी

पिछले कई दशकों में हुए गांव के विकास के बाद वहां नई तरह की चुनौतियां और सीमा विवाद पनप रहे हैं। कई टोले, मजरे और पंचायतों के लोगों को जिला, संभाग, तहसील, विकासखंड जैसे मुख्यालयों तक पहुंचने के लिए 100 से 150 किमी का चक्कर लगाना पड़ रहा है, जबकि ऐसे क्षेत्रों से दूसरे जिले, संभाग, विकासखंड और तहसील मुख्यालय नजदीक हैं। कई संभाग बड़े-छोटे हो गए हैं। इसीलिए नया परिसीमन आयोग बनाया गया है।

सभी पक्षों से बात कर निर्णय लेंगे पिछले कई दशकों से हुए विकास के कारण गांव में नई तरह की चुनौतियां पैदा हो गई हैं। फिलहाल आयोग के बाकी दो सदस्यों की प्रतीक्षा है। सभी के साथ होने के बाद निर्णय सभी स्टेकहोल्डर्स से बात करके लिया जाएगा। -मनोज श्रीवास्तव, सदस्य, राज्य परिसीमन आयोग

कैचमेंट के गांवों का विकास होगा भोपाल का दायरा बढ़ाकर इसमें मंडीदीप और भोजपुर को जोड़ा जाए। इस तरह का ड्राफ्ट बनाकर परिसीमन आयोग को सौंपा जाएगा। वहीं बड़े तालाब के कैचमेंट में आने वाले गांवों को भी सीहोर से तोड़कर भोपाल में जोड़ा जाए तो बेहतर तरीके से विकास हो सकता है। –हरीश भावनानी, भोपाल सिटीजन फोरम 

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