बड़ा इं​डस्ट्रियल कॉरिडोर:अगले तीन साल में भोपाल के पास तैयार होंगे 16 इंडस्ट्रियल एरिया, 800 छोटे-बड़े उद्योग खुलेंगे

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नए और पुराने प्रोजेक्ट के एक्सटेंशन में शामिल जमीन को देखें तो पता चलता है कि लगभग 605 एकड़ जमीन पर करीब 800 नई छोटी-बड़ी इंडस्ट्री अगले 2 से 4 साल में शुरू हो जाएंगी। इनसे सीधे तौर पर 52 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा और 2 लाख लोग लाभान्वित होंगे। इनमें परंपरागत इंडस्ट्री के साथ अलग से इंजीनियरिंग, प्लास्टिक, फर्नीचर, ऑक्सीजन, फूड, टेक्सटाइल समेत दूसरे क्लस्टर बनाए जा रहे हैं।

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक राजेंद्र कोठारी कहते हैं कि भोपाल में बड़ी संख्या में इंडस्ट्री शुरू होना अच्छा है। जरूरी यह है कि इसे तेज गति से पूरा कराया जाए। इंडस्ट्री को हर जरूरी मदद दी जाए। सरकार और अफसरों को इस मामले में ऐसे लोगों से भी सलाह-मशविरा करना चाहिए, जो इसके जानकार हैं।

बढ़ते उद्योग… भोपाल और आसपास के इंडस्ट्रियल एरिया

  • मंडीदीप में 1102.87 हेक्टेयर जमीन है। इसमें से 824.753 हेक्टेयर आवंटित कर दी गई है। यहां से सीधे 60 हजार लोगों को रोजगार मिल रहा है।
  • गोविंदपुरा में 1100 छोटी-बड़ी इंडस्ट्री हैं। यहां नई 78 यूनिट बनाने की तैयारी है। नई यूनिट से करीब 5500 लोगों को और रोजगार मिलेगा।
  • बगरोदा इंडस्ट्रियल एरिया के लिए 128 हेक्टेयर जमीन मिली है, जिसमें से 80 हेक्टेयर में यूनिट स्थापित होनी हैं। इसमें से अब केवल 10 हेक्टेयर जमीन शेष बची है। बगरोदा में कमर्शियल व्हीकल लिमिटेड द्वारा दिसंबर 2020 से उत्पादन शुरू कर दिया गया है। इसमें 450 करोड़ रुपए का निवेश है और 700 लोगों को रोजगार मिला है।
  • अचारपुरा औद्योगिक क्षेत्र में 26 एकड़ जमीन यूनिट के लिए आरक्षित है। अब केवल 16 एकड़ जमीन ही शेष बची है। यहां 150 करोड़ रुपए की लागत से रेडीमेट गारमेंट इकाई स्थापित की जा रही है। इस यूनिट से 4 हजार महिलाओं को रोजगार मिलेगा।
  • भोपाल के दायरे में बाबई का मोहासा भी है। यहां 6 हेक्टयर जमीन फूड पार्क के लिए
  • आवंटित की गई है।
  • जमुनिया खेजड़ा में 103 हेक्टेयर में न्यू इंडस्ट्रियल एस्टेट बन रहा है। 2000 करोड़ के निवेश की उम्मीद है और 10 हजार लोगों को रोजगार देने की योजना है।

विवादों का रोड़ा… यहां जमीन कोर्ट-कचहरी के चलते उलझी

बैरागढ़ कलां, भोपाल 29.132 हेक्टेयर मिली और पूरी खाली है।

पीपलनेर भोपाल 4.856 हेक्टेयर जमीन खाली पड़ी है।

कोलुआकलां भोपाल 47.620 हेक्टेयर जमीन आवंटित हुई, लेकिन न्यायालयीन प्रक्रिया में उलझ गई।

नरेला शंकरी भोपाल 9.530 हेक्टेयर जमीन आवंटित हुई, लेकिन न्यायालयीन प्रक्रिया में उलझ गई।

करारिया, बैरसिया भोपाल 7.023 हेक्टेयर जमीन मिली और इस पर विकास कार्य किए जा रहे हैं।

इन दो जगह पर पूरी जमीन हो गई आवंटित

  • कल्याणपुर इंडस्ट्रियल एरिया में 7 हेक्टेयर जमीन आवंटित हो चुकी है। यह पूरी जमीन मेसर्स वियांड टस्ट नामक कंपनी को आवंटित कर दी गई है। कंपनी यूनिट बना रही है।
  • बैरसिया रोड बीनापुर भोपाल में 17.59 हेक्टेयर जमीन है, जिसे मेसर्स बिस्पोक आर्ट स्टूडियो को आवंटित कर दिया गया है। यहां भी यूनिट बनाने का काम चल रहा है। इससे बैरसिया से भोपाल होेने वाला पलायन रुकेगा।

https://dainik.bhaskar.com/9BmE62FC0Lb

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