एमपी नगर क्षेत्र के डेवलप होने के बाद भोपाल का नर्मदापुरम रोड क्षेत्र बेहद व्यवस्थित तरीके से विकसित हुआ है। वर्ष 1990 में भोपाल डेवलपमेंट अथॉरिटी (बीडीए) ने विद्या नगर में बड़े प्रोजेक्ट की शुरुआत की। इसके बाद डेवलपमेंट ने रफ्तार पकड़ी और आज यहां नया प्रोजेक्ट लाने के लिए समरधा तक जगह तलाशनी पड़ रही है।
इन 34 सालों में इस क्षेत्र ने खुद को नए उपनगर के तौर पर इस तरह से उभारा कि यहां कमर्शियल स्पेस का नया डेस्टीनेशन बन गया है। 2005 के मास्टर प्लान में इसे उपनगर ही मानकर विकास योजनाएं बनाई गईं थीं, जो अब यहां के खरीदारों को परेशान कर रही हैं। जानकारों का कहना है कि इस इलाके में बेतरतीब कलेक्टर गाइडलाइन इसकी एक बड़ी वजह है।
नर्मदापुरम रोड पर सबसे ज्यादा विकास उस गांव का हुआ, जिसे मिसरोद के नाम से जाना जाता है। भोपाल में बसने वालों की जरूरतें बढ़ने लगीं तो नई बसाहट और बाजार इस ओर विकसित होने लगे। ऐसा नहीं कि एमपी नगर या इसके आसपास के क्षेत्र का दबदबा थोड़ा भी कम हुआ है।
लेकिन मिसरोद क्षेत्र में भी ऑफिस कॉम्पलेक्स, मॉल्स, टू-फोर व्हीलर शोरूम, मैरिज गार्डन, होटल्स, हॉस्पिटल्स और कॉलोनियां बढ़ती चली गईं। हाईपर मार्केट की नई चेन यहां बहुमंजिला इमारतों में आ रही हैं। एमपी नगर के कई दफ्तर यहां पहले ही मूव हो चुके हैं। इसकी सबसे बड़ी दो वजह हैं। हाइवे कनेक्टिविटी और ओपन एरिया।