अवैध कॉलोनियां बनने से रोकने के लिए प्रशासन अब इन कॉलोनियों को अपने हाथ में लेकर उनका डेवलपमेंट भी करेगा। इसकी शुरुआत भोपाल की 34 अवैध कॉलोनियों से होगी। प्रशासन ने पिछले दिनों 61 अवैध कॉलोनाइजरों को नोटिस दिए थे।
इनमें से जिन 34 के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है, उन कॉलोनियों को प्रशासन अपने कब्जे में लेने जा रहा है। कॉलोनियों के डेवलपमेंट पर आने वाला खर्च संबंधित कॉलोनाइजर से वसूला जाएगा। इसके लिए कॉलोनी के बचे हुए प्लॉट भी प्रशासन बेच सकता है।
कॉलोनी डेवलपमेंट रुल्स -2021 में अवैध कॉलोनियों का विकास रोकने के लिए ऐसे प्रावधान किए गए हैं। लेकिन, इन पर अब तक अमल नहीं हुआ था। जिला प्रशासन ने पहली बार ऐसी सख्त कार्रवाई की तैयारी की है। अवैध कॉलोनियां रोकने के लिए एसडीएम ने अपने-अपने इलाकों में सर्वे किया था।
इस सर्वे के आधार पर 61 कॉलोनाइजरों को नोटिस भेजा था। इनमें से सिर्फ 4 ही सही दस्तावेज पेश कर सके, जबकि 12 ने कहा कि उन्होंने तो कॉलोनी ही नहीं काटी। इनकी दोबारा से जांच शुरू कर दी गई हैं। 34 के खिलाफ एफआईआर कराई गई। 11 के जवाब का इंतजार है।
- न सड़क न पानी… बसा दी कॉलोनी
इन गांवों की 34 कॉलोनियां… कुराना (13 कॉलोनियां), छावनी पठार (6), सिंकदराबाद, पिपलिया बेरखेड़ी और थुआखेड़ा (2-2), सुरैया नगर, कालापानी, कोटरा, सेवनिया ओंकारा, कान्हासैया, अरेड़ी, कोलुआखुर्द, शोभापुर जहेज और खंड़ाबड़ की एक-एक कॉलोनी।
जहां प्लॉट बचे हैं उन्हें ही अपने कब्जे में लेंगे…
प्रशासन उन कॉलोनियों को ही अपने हाथ में लेगा जहां पर कॉलोनी के विकास करने लायक प्लॉट बचे हैं। नए सिरे से एफआईआर कराने वाली कॉलोनी की जमीन बेचने से मिले पैसों से वहां बिजली, पानी, सड़क, नाली और अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
कलेक्टर के निर्देश के बाद प्रशासन यहां पर एक प्रशासक नियुक्त करेगा। यहां का एक ले-आउट बनाया जाएगा। इसे टीएंडसीपी से अप्रूव करने से लेकर कॉलोनी के लिए सभी जरूरी अनुमतियां ली जाएंगी। उसी आधार पर कॉलोनी को विकसित किया जाएगा।
कॉलोनियों को हाथ में लेकर विकसित करेंगे सर्वे कर 34 कॉलोनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। अब इन कॉलोनियों को विकसित करने के लिए प्रशासन प्रबंधन अपने हाथ में लेगा। इसके लिए जिपं सीईओ को अधिकृत किया गया है। –कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर