मध्यप्रदेश में घर का सपना देख रहे लोगों के लिए चिंता की बात है। सीएम डॉ. मोहन यादव के आदेश के बाद राज्य में प्रॉपर्टी के दाम फिर से तय करने की तैयारी शुरू हो गई है। पहली बार एक वित्तीय वर्ष में दो बार भोपाल सहित प्रदेशभर में कलेक्टर गाइडलाइन दोबारा निर्धारित की जाएगी।
इसके बाद पूरे प्रदेश में 4 हजार तो भोपाल में करीब 250 से ज्यादा जगहों प्रॉपर्टी खरीदना महंगा हो जाएगा। प्राॅपर्टी रेट में 4% से 20% तक की वृद्धि संभव है। इससे पहले एक अप्रैल 2024 को कलेक्टर गाइडलाइन में प्रॉपर्टी के नए दाम तय किए गए थे। भोपाल में सोमवार को कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के सामने पंजीयन विभाग प्रस्ताव रखेगा।
इसके बाद सर्वे कर जमीनों के रेट रिवाइज किए जाएंगे। दिवाली के बाद जमीनों के रेट बढ़ सकते हैं। अफसर चाहते हैं कि नवम्बर अंत तक या फिर दिसंबर में इसे लागू कर दिया जाए। इसके बाद बची हुई लोकेशन के लिए सर्वे कराकर 1 अप्रैल 2025 में नई कलेक्टर गाइडलाइन के दामों को लागू कर दिया जाए।
…जबकि मप्र में पहले ही देश की सबसे ज्यादा 9.5% स्टाम्प ड्यूटी
- एक्सपर्ट का कहना है कि वैसे ही मप्र में अभी स्टाम्प ड्यूटी 9.5% है। यह देश में सबसे अधिक है। रजिस्ट्रेशन चार्ज भी 3% होने से प्रॉपर्टी खरीदने में अधिक दाम चुकाने पड़ते हैं। महिलाओं को स्टाम्प ड्यूटी में 2% की छूट मिलती है। फिर भी एक साल में दो-दो कलेक्टर गाइडलाइन बढ़ाई जा रही है। इससे आम लोगों के लिए प्रॉपर्टी खरीदना महंगा हो जाएगा।
कलेक्टर गाइडलाइन बढ़ाने की वजह- खजाने को आस
सरकार को योजनाओं के संचालन के लिए जरूरी बजट के लिए बैंकों से लोन लेना पड़ रहा है। कलेक्टर गाइडलाइन बढ़ाने से कुछ हद तक खजाने में बढ़ोत्तरी हो जाएगी। सरकार को उम्मीद है कि 100 से 150 करोड़ रुपए की सालाना फायदा हो जाएगा।
जितनी अधिक रजिस्ट्रियां, उसके अनुसार बढ़ेंगे दाम जिन इलाकों में प्रॉपर्टी के दाम बढ़ाए जाएंगे, वहां ये देखा जा रहा है कि कलेक्टर गाइडलाइन वैल्यू से कितने अधिक पर रजिस्ट्री हुई हैं। उसी के आधार पर ये दाम बढ़ाए जाएंगे। – एम सेल्वेंद्रम, आईजी पंजीयन एवं मुद्रांक
उन लोकेशन को चिह्नित करने को कहा गया है, जहां पर गाइडलाइन से ज्यादा रेट पर रजिस्ट्रियां हुई। उनकी पहचान एआई से कर ली गई है। ऐसी लोकेशन को भी चिह्नित किया जाएगा, जहां ज्यादा रजिस्ट्रियां हो रहीं हैं। सभी लोकेशन का सर्वे होगा।
कहां बढ़ेंगे… जहां तय दर से अधिक दाम पर रजिस्ट्रियां, नए प्राेजेक्ट आ रहे 1. जहां पर गाइडलाइन में तय दर से अधिक दाम पर रजिस्ट्री कराई गई। उनकी संख्या ज्यादा है। 2. नए प्रोजेक्ट आ रहे हैं, तो उनके आसपास प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त बढ़ी। इंडस्ट्रियल एरिया के आसपास बसाहट बढ़ी। 3. जहां बिजली, पानी और ट्रांसपोर्टेशन के नए रूट्स बने। वहां तेजी से प्रॉपर्टी के सौदे हो रहे हैं। 4. मेट्रो और नई फोर और सिक्सलेन बन रही हैं। इसलिए नए प्रोजेक्ट में निवेश बढ़े।